
मऊ पुलिस अधीक्षक मऊ इलामारन जी के निर्देशन में अपर पुलिस अधीक्षक महेश सिंह अत्री, तथा क्षेत्राधिकारी नगर अंजनी कुमार पाण्डेय के पर्वेक्षण में “साइबर जागरूकता कार्यक्रम अभियान” के तहत जनपदीय थाना साइबर क्राइम की टीम ने बुधवार को डीएवी इण्टर कालेज, जनपद मऊ के बच्चो को होने वाले साइबर अपराधों के प्रति जागरूक किया। जनपदीय साइबर टीम में तैनात प्र0नि0 श्री योगेश यादव, मु0आ0 शैलेन्द्र कुमार कन्नौजिया, का0 शशिकान्त मणि त्रिपाठी, का0 अनूप यादव व का0 प्रभात कुमार ने विद्यालय में उपस्थित प्रधानाध्यापक श्री देवभाष्कर तिवारी व समस्त अध्यापकगण तथा छात्र/छात्राओं को सोशल मीडिया के खतरों के बारे में जानकारी देना महत्वपूर्ण है ताकि वे सुरक्षित और सतर्क रहें। जो निम्नलिखित है।
1. *निजता की सुरक्षा*:
अपनी व्यक्तिगत जानकारी जैसे कि नाम, पता, फोन नंबर, या स्कूल का नाम इंटरनेट पर साझा नहीं करना चाहिए।
2. *परिचित और अज्ञात लोगों से बातचीत*:
अज्ञात लोगों से संपर्क करने से बचने की सलाह दें। उन्हें समझाएं कि इंटरनेट पर हर कोई सच्चा नहीं हो सकता।
3. *फोटो और वीडियो*:
अपने व्यक्तिगत फोटो और वीडियो को सार्वजनिक प्लेटफॉर्म पर साझा नहीं करना चाहिए।
4. *ऑनलाइन उत्पीड़न*:
ऑनलाइन उत्पीड़न या बुलीइंग के बारे में जानकारी दें। बच्चों को बताएं कि अगर वे किसी के व्यवहार से असहज महसूस करते हैं तो उन्हें तुरंत किसी विश्वसनीय वयस्क से बात करनी चाहिए।
5. *फेक न्यूज़ और गलत सूचनाएं*:
बच्चों को सिखाएं कि उन्हें केवल विश्वसनीय स्रोतों से ही जानकारी प्राप्त करनी चाहिए और किसी भी जानकारी को शेयर करने से पहले उसकी पुष्टि करनी चाहिए।
6. *स्क्रीन टाइम*:
सोशल मीडिया का अत्यधिक उपयोग बच्चों की सेहत को प्रभावित कर सकता है। उन्हें संतुलित स्क्रीन टाइम और ऑफलाइन गतिविधियों के महत्व के बारे में बताएं।
7. *डिजिटल फुटप्रिंट*:
इंटरनेट पर साझा की गई जानकारी उनके भविष्य में समस्याएं उत्पन्न कर सकती है।
8. *साइबर सुरक्षा*:
सुरक्षित पासवर्ड और सुरक्षा सेटिंग्स का उपयोग करने के महत्व को समझाएं।
बच्चों को सुरक्षा और सतर्कता के साथ सोशल मीडिया का उपयोग करने के महत्व को समझाना जरूरी है ताकि वे ऑनलाइन वातावरण में सुरक्षित रह सकें।
*यदि किसी के साथ साइबर अपराध होता है तो तत्काल टोल फ्री नम्बर 1930 या वेबसाइट www.cybercrime.gov.in पर शिकायत जरूर करें। साइबर अपराधों के प्रति जागरूक होकर ही साइबर अपराध से बचा जा सकता है*