
शासन के स्थानान्तरण नीति के विरुद्ध मनोज बाबू डायट पर 23 वर्षो से एक ही पटल पर ,आखिर मनोज बाबू पर मेहरबान कौन
गाजीपुर : जिला शिक्षण एवं प्रशिक्षण संस्थान सैदपुर गाजीपुर में 23 साल से पदस्थ बाबू मनोज गुप्ता अंगद की तरह पांव जमाकर आमजन के साथ मनमानी कर रहा है। डायट पर वर्षों से पांव जमाये लिपिक मनोज गुप्ता का खौफ डायट से सम्बद्ध 240 प्राइवेट बीटीसी संस्थान के संचालकों में इतना है कि इसके इशारे पर सब चलते हैं। हर कोई प्राइवेट बीटीसी संस्थान का प्रबंधक,प्राचार्य या कलर्क डायट पर आकर मनोज बाबू के यहां ही नतमस्तक होता है। वहीं विगत वर्षो से कई बार अधिकारीयों को शिकायत करने के बाद भी कार्रवाई नहीं हुई है।
शासन द्वारा किसी भी शासकीय कार्यालय में पदस्थ कर्मचारी एक स्थान पर 3 वर्ष से ज्यादा अपनी सेवाएं प्रदान नही कर सकता है। लेकिन मनोज बाबू विगत 23 वर्षों से पदस्थापना से लेकर आज तक यहीं पर पदस्थ है।इसकी प्रथम नियुक्ति 25/05/2000 को कनिष्ठ लिपिक के पद पर सैदपुर डायट पर ही हुई थी। तब से लगातार यहीं पर तैनात है। स्थानान्तरण से बचने के लिए कभी कभी कुछ महीनों के लिये अपने को बीआरसी या अन्य आफिस में अटैच कर लेता है लेकिन रहता डायट पर ही है। मनोज की पकड़ शासन स्तर तक और नेताओं तक इतनी मजबूत और संरक्षण प्राप्त होने के कारण आमजन के साथ मनमानी करने को उतारु रहता है। 240 सम्बद्ध प्राइवेट बीटीसी के छात्रों की प्रैक्टिकल फीस,फाइल जमा करने की फीस से लेकर अन्य सुविधा शुल्क मनोज बाबू ही तय करता है। और संस्थानों के संचालक इसके पास एक मोटी रकम पहुंचाते भी है। लेकिन इसके खिलाफ किसी को आवाज उठाने की हिम्मत नही है। पूछने पर पर कुछ संस्थानों के मालिक दबी जुबान में नाम न बताये जाने की शर्त पर बताये कि जनपद के अधिकतर प्राइवेट बीटीसी कालेजों की पैनल से लेकर मान्यता तक और फाइल पेपर वर्क तक का पूरा काम मनोज बाबू ने ही किया है। सबकी कमी इसे मालूम है इसीलिये इसके खिलाफ कोई आवाज नही उठा सकता है। बता दें कि एक कलर्क की नौकरी करने वाला मनोज बाबू के पास करोडो़ की सम्पति है व आलीशान होटल रेस्तरां का मालिक है कई शहरों आलीशान महल है। कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इसके खिलाफ आरटीआई के माध्यम से शिक्षा निदेशक, संयुक्त निदेशक, उपनिदेशक से जानकारी मांग और शिकायत की फिर भी इसका कुछ नहीं हुआ।
एक तरफ शासन का आदेश है कि “सरकारी कार्यालयों में भ्रष्टाचार न पनपेऔर काम की शुचिता बनी रहे”
सभी विभागाध्यक्षों व कार्यालय अध्यक्षों को पटल व क्षेत्र परिवर्तन की व्यवस्था का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है।लेकिन शासन के सारे आदेशों पर भारी है मनोज बाबू।