
गाजीपुर जिले में गोशालाओं की हालत खस्ता है। छुट्टा पशुओं को ठांव देने के लिए हर महीने सरकार गोशालाओं पर लाखों रुपये खर्च कर रही है, लेकिन हालत सुधरने का नाम नहीं ले रही है। न तो उनके लिए चारे और पानी की पर्याप्त व्यवस्था है और न ही धूप से बचाव के लिए कोई पर्याप्त साधन। हालत यह है कि तपती धूप में भूख प्यास से गायें दम तोड़ रही हैं।ताजा मामला है बिरनो विकास खण्ड के बद्धुपुर ग्राम पंचायत में बने अस्थाई गौशाले का जहां पर दूरव्यवस्थाओं का अंबार लगा हुआ है यहां अस्थाई गौशाला से स्थानीय नागरिकों को दुर्गंध से झेलना पड़ रहा है वही व्यवस्था के नाम पर सिर्फ और सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है बुधवार को पहुंची मीडिया की टीम ने देखा कि गौशाला में तीन पशु मृत अवस्था में पड़े हुए हैं जिनको कौवे अपना निवाला बनाते हुए भी दिखाई दिए आलम यह है कि पशुओं को गंदा पानी पीने के लिए विवश किया जा रहा है सरकार ने ग्रामीण इलाकों के छुट्टा गोवंश पशुओं को आश्रय स्थल पहुंचा कर उनकी क्या रे पानी की व्यवस्था करने का निर्देश जिम्मेदारों को दिया है लेकिन यहां तो उनके लिए चारे हैं पानी की पर्याप्त व्यवस्था है और ना ही धूप से बचाव के लिए,व्यवस्थित इंतजाम आखिर ऐसा क्यों जबकि गौशाला के नाम पर लाखों खर्च होते हैं इस गौशाला में लगभग 150 पशु हैं जिनके देखभाल के लिए 5 सफाई कर्मचारियों की तैनाती की गई है आश्चर्य की बात यह है कि सुबह 7:00 बजे से 12:00 बजे तक 4 कर्मचारियों की तैनाती है वही 12:00 बजे से लेकर शाम 7:00 बजे तक एक कर्मचारी की तैनाती है और 7:00 बजे के बाद एक चौकीदार की भी तैनाती है लेकिन इसे दूर व्यवस्था ही कहेंगे जब गायों को गंदगी में रहने को विवश होना पड़ रहा ।