
*मकान निर्माता की जेब पर फुटकर बालू, गिट्टी विक्रेता डाल रहे है, ढाका।*
*100 फुट की जगह 75 से 80 फुट होती हैं ,ट्रैक्टर ट्राली की माप*
*रेट में नहीं होता है,कोई समझौता दुकानदार करते हैं जीएसटी में चोरी*
जखनिया/गाज़ीपुर :- हर कोई चाहता है, कि उसके पास एक अच्छा घर हो और छत नसीब हो । लेकिन निम्न और मध्यम वर्गीय लोगों को घर बनाने में कितनी परेशानियों से होकर गुजरना पड़ता है ।इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है, कि कैसे बालू एवं गिट्टी फुटकर विक्रेता घर बनाने वाले की जेब में ढाका डालता है ।वह मकान बनाने वाला लाचार बेवश होकर उसी दुकान से सामान लाता है।
*कैसे होती है ,लूटपाट*
जब कोई व्यक्ति किसी फूटकर विक्रेता के यहां बालू गिट्टी की खरीदारी करने के लिए जाता है ,तो सबसे पहले रेट पूछता है तो दुकानदार के द्वारा रेट बढ़ाकर बताया जाता है लेकिन जब उसे निवेदन किया जाता है तो कुछ रुपए कम कर दिए जाते हैं ।और बदले में एहसान भी लाद दिया जाता है। ग्राहक ने दुकानदार से कभी इस बात की चर्चा नहीं गई । दुकानदार द्वारा जिस ट्रैक्टर की ट्राली में बालू या गिट्टी दिया जाता है, वह कितने फिट का है। वैसे तो विक्रेता की ट्राली की माप 100 फुट होनी चाहिए ।लेकिन वह होती नहीं है अधिकांशत क्षेत्रीय दुकानदारों की ट्राली का माप 75 या 80 फिट है। हर ट्राली पीछे 15 से 20 फुट की कटौती की जाती है।
*माप में कमी रुपया चाहिए पूरा*
दुकानदार के द्वारा माप में घटतौली की जाती है। लेकिन ग्राहक से पैसे पुरी100 फुट का लिया जाता है। अब ऐसे में दुकानदार नहीं समझ पाता है। की किस तरीके से उसे लुटा जा रहा हैं।
*नहीं मिलती है, पक्की बिल*
वैसे तो दुकानदारों द्वारा किसी भी तरह से रेट में किसी प्रकार का कोई समझौता नहीं किया जाता है ।लेकिन आधिकारिक तौर पर दुकानदारों द्वारा जीएसटी चोरी की जाती है ।और ग्राहक को किसी भी प्रकार की कोई पक्की बिल नहीं दी जाती है। इसे साफ दिखाई देता है कि गाजीपुर के प्रशासनिक अधिकारियों की मिली भगत से इस तरह के तथाकथित दुकानदारों के दिन पर दिन हौसले बुलंद होते जा रहे हैं, वहीं ग्राहकों की जेब पर डाका डाला जा रहा है।
*ग्राहकों की पीड़ा पर कौन देगा ध्यान, सरकारी महकमा साध रहा हैं चुप्पी*
वैसे तो कहने के लिए सारी चीज नियम से होनी चाहिए लेकिन धरातल पर कुछ और ही होता है ।इतनी बड़ी लूट लोगों की आंखों के सामने होता है लाचार ग्राहक किस करें अपनी शिकायत कौन लेगा इनकी सुधी।