
मऊ सदर हॉस्पिटल में व्यवस्था ठप, इमरजेंसी वार्ड के बाहर तपती धूप में बच्चों संग सोने को मजबूर महिला
मऊ: जिले के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल मऊ सदर हॉस्पिटल की इमरजेंसी चिकित्सालय व्यवस्था पर एक बार फिर सवालिया निशान खड़ा हो गया है। हाल ही में एक हृदयविदारक दृश्य सामने आया, जिसमें एक महिला अपने तीन महीने के दो जुड़वां बच्चों के साथ अस्पताल परिसर में धूप में खुले आसमान के नीचे फर्श पर सोती हुई दिखाई दी।
यह दृश्य न केवल प्रशासन की संवेदनहीनता को दर्शाता है, बल्कि यह भी बताता है कि स्वास्थ्य सुविधाएं आम जनता तक पहुँचने में कितनी असमर्थ हो गई हैं। महिला के साथ उसकी सास भी मौजूद थीं, जो पूरे परिवार के बीमार होने पर इलाज के लिए अस्पताल आई थीं। मगर अस्पताल में न तो उन्हें बैठने की व्यवस्था मिली, न ही किसी प्रकार की सहायता।
गर्मी अपने चरम पर है, लेकिन इसके बावजूद इस महिला को मजबूरन अपने नवजात बच्चों के साथ इमरजेंसी वार्ड के बाहर जमीन पर समय बिताना पड़ रहा है। यह तस्वीर प्रशासनिक लापरवाही का ऐसा आईना है, जिसे देखकर किसी भी संवेदनशील व्यक्ति का दिल पसीज जाए।
स्थानीय लोगों का कहना है कि यह कोई पहला मामला नहीं है। अक्सर मरीजों के परिजनों को इसी तरह अस्पताल परिसर में खुले में बैठना या सोना पड़ता है, क्योंकि अस्पताल प्रशासन न तो पर्याप्त बेंच की व्यवस्था करता है और न ही प्रतीक्षा कक्षों में जगह होती है।
यह तस्वीर सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है, जिसमें लोग प्रशासन को जमकर घेर रहे हैं और सवाल पूछ रहे हैं कि आखिर कब तक आम जनता को इस तरह की दुश्वारियों का सामना करना पड़ेगा?
अब देखने वाली बात यह होगी कि क्या इस बार प्रशासन चेतता है या फिर यह तस्वीर भी महज एक ‘क्लिक’ बनकर रह जाएगी।