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मातम के बीच मोहर्रम का त्योहार जनपद में पूरी अकीदत से मनाया जा रहा है।

 

गाजीपुर से है। जहां आज पहेतिया इस्लामिक कैलेंडर का पहला महीना मुहर्रम 19 जुलाई से शुरू हो गया है, इस महीने से इस्लाम का नया साल शुरू हो जाता है, अपने हजरत इमाम हुसैन की शादत के इस त्योहार को गाजीपुर जनपद में इस्लाम धर्म के लोग इस महीने को बेहद पवित्र मानते हुए पूरी अकीदत के साथ त्योहार में मातम किए और कई जगह मौलानाओं और जानकारों ने तकरीरें की, आज मोहर्रम की 8 और 9 तारीख को इस्लामिक लोग अपने बेहद खास मानते हैं क्योंकि इसी दिन आशूरा या मुहर्रम मनाया जाएगा। इस्लाम धर्म के लोगों के लिए यह महीना बहुत अहम होता है, क्योंकि इसी महीने में हजरत इमाम हुसैन की शहादत हुई थी। हजरत इमाम हुसैन इस्लाम धर्म के संस्थापक हजरत मुहम्मद साहब के छोटे नवासे थे। उनकी शहादत की याद में मुहर्रम के महीने के दसवें दिन को लोग मातम के तौर पर मनाते हैं, जिसे आशूरा भी कहा जाता है। इसलिए इस महीने को गम या शोक के तौर पर मनाया जाता है।

गाजीपुर के पहेतिया गांव के मुन्नू खान ने बताया कि मुहर्रम का ये महीना गम और इबादत का महीना है, आज ही के दिन यजीद राजा की फौज ने हमारे पैगंबर के नवासे को युद्ध में मार दिया था, जिसे हम मातम के तौर पर आज भी मनाते है। मनसूर खलीफा आलम सरउद्दीन राजा मोनू अकरम मेराज फैज गुड्डू कुरैशी इसरार अंसारी आसिफ अंसारी सद्दाम अंसारी तमाम लोग इस नवा खाने में उपस्थित हुए है।

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